गुरुवार, 17 मई 2012

जो धर्म से दूर भागते हो उन्हे एक बार मेरे पास लाओ-muni pulaksagar

18 मई से लगेगी शंकरनगर मे इंसान को इंसान बनाने की फैक्टरी जो धर्म से दूर भागते हो उन्हे एक बार मेरे पास लाओ- मुनि पुलकसागर 17 मई 2012 कौआ एक बार ज्ञान की गंगा मे नहा लेता है तो हंस बन जाता है और हंस नहा लेता है तो परमहंस बन जाता है। आपके वे करीबी लोग जो धर्म ध्यान,मंदिर व साधूओं से दूर भागते हो उन्हें एक बार मेरी सभा मे ले आएंये। एक बार लाने का काम आपका बार-बार बुलाने का काम मुझ पुलकसागर पर छोड दिजिए। उक्त विचार राष्टसंत मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज ने बुधवार को शंकर नगर स्थित दिगम्बर जैन मंदिर मे श्रावको को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि षंकरनगर मे जहां भी देखो कपडा बनाने की फैक्टरी नजर आती है कही पेण्ट बनता है तो कहीं टीषर्ट लेकिन कल से यहां एक और फैक्टरी खुलेगी जिसमे इंसान को इंसान बनाया जाएगा। जिसमे जैन को जैन बनाने के संस्कार रोपित किये जाएगे। मुनिश्री के संघस्थ प्रवक्ता विनय कुमार जैन ने बताया कि मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज एवं मुनिश्री प्रसंगसागर जी महाराज के पावन सानिध्य मे भोलानाथ नगर मे आयोजित मां जिनवाणी षिक्षण षिविर के पष्चात इसी षिविर के द्वितीय भाग का आयोजन यहां षंकरनगर मे कल से षुरू होने जा रहा है। जिसमे करीब 800 लोग भाग ले रहे है। मां जिनवाणी षिक्षण ष्वििर की षुरूवात 18 मई से 25 मई तक जैन धर्मषाला मे हो रही है। जिसमे दो वर्गो मे षिक्षा प्रदान की जाएगी। सुबह की कक्षा 8ः30 से 9ः30 तक जिसमे 15 साल से 100 साल के श्रद्धालूजन भाग लेगे साथ ही षाम को 6ः30 से 7ः30 तक द्वितीय वर्ग जिसमे 5 साल से 15 साल तक के बच्चो को जिनवाणी कि षिक्षा प्रदान की जाएगी। श्री जैन ने कहा कि इस षिविर मे भाग लेने वाले प्रत्येक षिविरार्थी को नाममात्र के षुल्क पर एक किट समाज के द्वारा मुहैया कराई जा रही है जिसमे बुक,पेन,किट एवं कॉपी है। षिविरार्थीयो को अल्पहार की व्यवस्था भी समाज के द्वारा रखी गई है। विनयकुमार जैन 9910938969

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