गुरुवार, 3 मई 2012

अपने आपको उपयोग बनाएं- muni pulak sagar

अपने आपको उपयोग बनाएं-मुनि पुलकसागर चातुर्मास हेतु श्रीफल भेट किए भोलानाथ नगर जैन समाज ने जीवन मे हर पल अपने आपको उपयोगी बनाएं रखिए। जब तक गाय दूध देती हे तब तक ही उसकी सेवा होती है,जब वह दूध देना बंद कर देती है तो वह भार लगने लगती है,बूढे़ बेल का क्या हाल होता है वह आप भली भांति जानते है। उक्त विचार राश्टसंत मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज ने भोलानाथ नगर स्थित सामुदिय भवन मे आयोजित तीन दिवसीय ज्ञान गंगा महोत्सव के प्रथम दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि घर,परिवार,समाज के लिए आप कितने उपयोगी है यह देखा जाता है। उपयोगिता का सबंध अपरिचित से होता है और कोई आपसे तब तक नहीं जुड़ता तब तक उसे आपसे कोई फायदा न हो। एक पोधे को जिसमे न फल लगते है और न ही फूल आते हे तो उसे आप कब तक पानी से सीचोगे। कर्महीन इंसान को जीवन मे उंचाईयॉ हासिल नहीं होती है। संघस्थ प्रवक्ता विनय कुमार जैन ने बताया कि राश्टसंत मुनिश्री पुलकसागर जी गुरूदेव एवं मुनिश्री प्रसंगसागर जी महाराज के आगामी चातुर्मास हेतु सकल जैन समाज भोलानाथ नगर की ओर श्रीफल भेटकर मुनिश्री से निवेदन किया कि गुरूदेव आपका आगामी चातुर्मास भोलानाथ नगर को प्राप्त हो।

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