शनिवार, 28 अप्रैल 2012

जैन धर्म-मॉल अच्छा पैंकिग खराब- muni pulaksagar

मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज सूरजमल विहार मंे 29 को रथयात्रा जैन धर्म-मॉल अच्छा पैंकिग खराब-मुनिश्री पुलकसागर जी दिल्ली 28 अप्रैल 2012 राश्टसंत मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज एवं मुनिश्री प्रसंगसागर जी महाराज का आज सूरजमल विहार मे भव्य आगमन हुआ यहां पर इनका दो दिवसीय प्रवास है। सकल जैन समाज के श्रद्धालुओं ने मुनिद्वय की आरती एवं पादप्रक्षालन कर आषीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर मुनिश्री ने धर्मसभा को संबोधित किया। जो कार्य कर चुके हो वह फिर से करने का कोई महत्व नहीं होता है महत्व तो उस कार्य का होता है जो तुमने आज तक न किया हो। इतिहास भी उन्हीं के बनते है जिन्होंने कुछ अलग हट के कार्य किया हो। छोटे कार्यो से नहीं बडे़ कार्यो से इंसान की पहचान बनती है। याद रखना अगर जीवन मे उपलब्ध्यिॉ हासिल करना चाहते हो तो अपने हौसलो को भी बुलंद रखिएं। उक्त प्रेरक विचार राश्टसंत मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज ने सूरजमल विहार स्थित दिगम्बर जैन मंदिर के हॉल मे धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। माल अच्छा पैकिंग घटिया- मुनिश्री ने धर्मप्रभावना का उपदेष देते हुए धर्म को जीवित रखने के लिए इसका प्रचार प्रसार करना बहुत जरूरी है, तभी तो तीर्थकर जब उपदेष देते है तो उनका समवषरण जंगल मे लगकर षहरों मे लगा करता था,भगवान की दिव्य देषना को सुनने के लिए मात्र जैन ही नहीं अपितु चारो गतियों के जीव समवषरण मे उपस्थित होकर स्वयं का कल्याण किया करते थे। वर्तमान परिपेक्ष्य मे भी जैन धर्म के प्रचार प्रसार की बहुत जरूरत है। मुनिश्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि जैन धर्म के पास माल‘धर्म’ तो बहुत अच्छा है लेकिन इसकी पैकिंग खराब है। सातवीं रथयात्रा मुनिश्री के सानिध्य मे- संघस्थ प्रवक्ता विनय कुमार जैन ने बताया कि मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज एवं मुनिश्री प्रसंगसागर जी महाराज के पावन सानिध्य मे रविवार 29 अप्रैल 2012 को प्रातः 8 बजे सूरजमल विहार मे वृहद रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। रथयात्रा जैन मंदिर से षुरू होकर कॉलोनी के विभिन्न मार्गो से होते हुए वापिस सूरजमल विहार दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचेगी जहां पर श्री जी का अभिशेक एवं मुनिश्री पुलकसागर जी महाराज के मंगलमयी उद्बोधन होगे।

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