शनिवार, 11 अगस्त 2012

वास्तु और ईशान दिशा

वास्तु और ईशान दिशा कैसे पाएं ईशान दिशा के शुभ परिणाम
किसी भी भवन की ईशान दिशा सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। इसमें वास्तु अनुरूप भवन का निर्माण हमारी प्रगति में चार चांद लगा देता है। आइए जानते हैं किस प्रकार से भवन निर्माण कराने से आप शुभ परिणाम प्राप्त करेंगे :- * ईशान दिशा अन्य दिशाओं की तुलना में बड़ी हो तो गृह के निवासी धन-संपत्ति से युक्त रहेंगे। उनके ऐश्वर्य में वृद्धि होगी तथा उनकी संतानें मेधावी होंगी। * ईशान दिशा में जल का स्थल हो तो गृह के रहवासी निरंतर प्रगति करेंगे। * ईशान दिशा नीचे हो तो गृह स्वामी अष्टविध संपत्ति के अधिकारी होंगे। * ईशान ब्लाक में पूर्व की तरफ ढलान पुरुषों के लिए तथा उत्तर की तरफ वाला ढलान स्त्रियों के सर्वांगीण विकास के लिए श्रेष्ठतम होता है।
* ईशान दिशा में पूर्व तथा उत्तर वाली दीवारें पश्चिम तथा दक्षिण दिशा वाली दीवारों की तुलना में नीची होने से चिरकाल तक आरोग्य, सुख-संपत्ति तथा धन लाभ होता है। * गृह का समस्त जल इस दिशा से बाहर निकलना चाहिए। वर्षा का जल भी इस दिशा से बाहर निकले तो गृह स्वामी के सुख में वृद्धि होती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें